आइए हम सब बनें ऐसे योद्धा, जो अपनी बेड़ियों-बंधनों से मुक्ति का संकल्प लें
नईदिल्ली[सीमाझा]। रवींद्रनाथटैगोरकीमहानरचना‘गीतांजलि’सेलीगईयहपंक्ति(मनहोनिर्भय,मस्तकहोऊंचा…)कविकेविराटसंकल्पकीबानगीहै।स्वतंत्रतादिवसकेमौकेपरयहहमेंएकमहानसंदेशभीदेतीहै।संदेशयहहैकिस्वतंत्रतादिवसजश्नमेंभावुकहोकरदेशभक्तिगीतगानेकापर्वबनकरहीरहजाए,नहीआजादीकेशूरवीरोंकेगुणगानतकसीमित।सहीमायनेमेंइसकामहानउद्देश्यतबपूराहोगा,जबहमखुदकोअपनीहीबेड़ियोंसेमुक्तकरें।वर्तमानसंकटभीएकयुद्धमानागयाहै।आइएहमसबबनेंऐसेयोद्धा,जोअपनीबेड़ियों-बंधनोंसेमुक्तिकासंकल्पलेकरसंभावनाओंकेखुलेआसमानमेंउड़ानभरनेकोतैयारहोजाएं।क्याहैअपनीबेड़ियोंसेमुक्तहोनेकाअर्थऔरकैसेसंभवहैयह?विशेषज्ञोंसेबातचीतकेआधारपरबतारहीहैंसीमाझा...
पढ़िएफोटोग्राफरकीकहानी
एकफोटोग्राफरनेअपनेस्टूडियोकेप्रवेशद्वारपरएकतख्तीटांगरखीथी।उसमेंतस्वीरेंबनवानेकीदरेंलिखीथीं।यहतीनअलग-अलगवर्गकेलिएथा।पहला-अगरआपवैसीतस्वीरबनवानाचाहतेहैंजैसेकिआपहैं,तोइसकीकीमतपांचरुपये।वैसातस्वीरचाहतेहैंजैसेकिआपलोगोंकोदिखाईपड़तेहैं,तोकीमतदसरुपये।औरअगरवैसीतस्वीरचाहतेहैंजैसाकिआपसोचतेहैंकिआपकोहोनाचाहिए,तोइसकीकीमतपंद्रहरुपये।एकव्यक्तिकीस्टूडियोकेबाहरकीउसतख्तीपरनजरपड़ी।इसपरउसनेफोटोग्राफरसेसवालकरनेशुरूकरदिए।जैसे,क्याफोटोभीतीनतरहकेहोतेहैं,इसकीतोमैंनेकल्पनाभीनहींकी।मैंतोबसएकहीतरहकेफोटोकेबारेमेंसोचताथाजैसामैंहूं,वैसीतस्वीर।क्यानंबरदोऔरनंबरतीनकेफोटोबनवानेवालेलोगभीयहांआतेहैं?इसपरफोटोग्राफरनेजवाबदेतेहुएकहा, ‘महाशय!आपपहलेआदमीहैंजोनंबरएककीतस्वीरबनवानेकीसोचरहेहैं।अबतकतोदूसरेऔरतीसरेहीलोगआतेरहेहैंयहां।कोईवैसीतस्वीरनहींउतरवानाचाहताजैसाकिवहहै।हैनरोचकबातऔरबड़ीजानी-पहचानीसी?क्याआपभीदूसरीतस्वीरोंकेबारेमेंहीअधिकसोचतेहैं,जोआपहैंहीनहींक्योंकिखुदकोआपअनेकबेड़ियोंमेंजकड़ाहुआमहसूसकरतेहैं।औरतोऔर,आपकोडरभीलगताहैअपनीबेड़ियोंसेआजादहोनेमें,इसलिएइनसेछूटनेकीकोशिशभीनहींकरते।बसयूंहीइनकेसाथचलतेजातेहैं!
क्याहैंयेअपनीबेड़ियांऔरयहांकिनबंधनोंसेआजादहोनेकीबातहोरहीहै?दरअसल,येहमारेमनकेवेभावहैंजोअक्सरहमभीतरगहरेमहसूसकरतेहैं।जैसे,औरोंकीतरहसफलहोनेकीइच्छाएं,अपेक्षाएं,ईर्ष्या,प्रतिस्पर्धा,क्रोध,संदेश,आशंकाएं,औरोंनेमुझेऐसाक्योंकहदिया,यहहोतातोअच्छाहोताआदितमामनकारात्मकभावहीमनकीबेड़ियांहैं।आपनेमहसूसकियाहोगाकियेबड़ीताकतवरहोतीहैं।येवैसानहींकरनेदेतींजोआपकरनाचाहतेहैं।परगौरकरें,महापुरुषोंनेसर्वप्रथमखुदकोअपनीहीबनायीबेड़ियांसेआजादकियाऔरताउम्रइसीमहानकोशिशमेंलगेरहे।भगतसिंहनेयदियहकहाकिमैंभीमहात्वाकांक्षा,आशाऔरआकर्षणसेभराहूंपरजरूरतपड़नेपरइनसबकापरित्यागकरसकताहूंतोयहउनकेफौलादीसंकल्पकीआवाजहीतोहैजोउन्हेंअपनीबेड़ियांसेआजादकरतीहै।वहएकमुक्तमनहै,जिसेबाहरीताकतेंजल्दींप्रभावितनहींकरसकतीं।आइएइसबारआजादीकेजश्ऩकेमौकेपरउनशूरवीरोंकीजिजीविषाऔरसंकल्पकोसमझनेकाप्रयासकरेंऔरफिरअपनेमनकोमुक्तकरनेकेअभियानकीशुरुआतकरदें।
भावनाओंपरनियंत्रणजीवनकईबाररहस्यवादीतरीकेसेपेशआताहै।जबआपकोलगताहैजोआपनेनहींसोचा,दूर-दूरतकजिसकीकल्पनानहींकीवहीहोरहा।जैसेकभीअपनेअजीजदोस्तसेजोअपेक्षानहींकीथी,उसनेवैसाव्यवहारकिया,घरपरछोटेभाई-बहननेकुछऐसाकहदियाजोमनकोघायलकरगया।बॉसनेदफ्तरमेंआपकेप्रोजेक्टकोसिरेसेनकारदियाजिसेआपनेबड़ीमेहनतसेबनायाथा।क्याहोताहैऐसेसमयमें?आपका मनआहतहोताहैऔरजज्बाकुचलगयासामहसूसहोताहै।परगौरकरनेकीबातयहभीहैकिआपइसतरहकीभावनाओंकोकुछहीसमयमेंनियंत्रितकरलेतेहैं,क्योंकिमनमेंभरोसाहैकिइनबाहरीचीजोंपरआपकानियंत्रणनहीं।हालांकिसाइकोथेरेपिस्टऔरएनर्जीहीलरडॉक्टरचांदनीटग्नैतकेमुताबिक,सबऐसानहींकरपाते,क्योंकिइनताकतवरनकारात्मकभावोंकेआगेवेहारमानजातेहैं।डॉ.टग्नैतकहतीहैं,‘मनसेमुठभेड़थकादेताहैलेकिनआपकोहारनहींमाननीहै।अपनीऊर्जाकोसकारात्मकमोड़दें।इसकेलिएरोजकामकरें।ध्यान,योगऔरसरलजीवनशैलीकीसलाहइसलिएआमहैलेकिनकितनेलोगइसपरअमलकरपातेहैं?’यहसहीसमयहैजबहमेंइसपरमंथनकरनाहै।
समझेंमौलिकताकामूल्य
एंटोनिएटारोजी, योगगुरु,इटली(प्रधानमंत्रीयोगपुरस्कार2019कीविजेता)नेबतायाकि पारंपरिकयोगसिखातेहुएचारदशकबीतगए।लोगपूछतेहैंकिपारंपरिकयोगहीक्योंतोउनसेकहतीहूंक्योंकियहमेरामार्गहैऔरइसपरमुझेभरोसाहै।खुशीहैकिलोगोंकेजीवनमेंइससेबदलावआरहेहैं।मैंखुदजिनसेसबसेअधिकप्रभावितहूं,जिन्होंनेमेरेसंकल्पकोमजबूतबनानेमेंयोगदानदिया,वेबापू(महात्मागांधी)हैं।भारतआनेकेबादगांधीसेजुड़ेस्थलोंपरजरूरजातीहूं।वहांआंखेंबंदकरूंतोएकसरलव्यक्तिमिलताहै,जिसकाव्यक्तित्वविराटहैऔरजोमौलिकबननेकासंदेशदेरहाहै।बेशकइंसानअपनेमौलिकरूपमेंरहतेहुएजगतमेंबड़ेबदलावलासकताहै।मुक्तिकेलिएहमेंअपनेभीतरउतरनाहीहोगाऔर मानवीयकमजोरियों-बुराइयोंपरविजयपानेकाप्रयासकरनाहोगा।
ज्ञानवही,जोमुक्तकरेबेड़ियोंसे
ईलाभट्ट,गांधीवादीचिंतकऔरकुलपति,गुजरातविद्यापीठनेबतायाकि आजमैंपहलेकीतरहतोसक्रियनहीं,लेकिनयुवाओंसेमेरासंवादलगातारकायमहै।देश-विदेशकेयुवाओंसेनियमितबातचीतकेदौरानयहीकहतीहूंकिजीवनकेवलजीविकोपार्जनकेलिएहीनहींहै।हमेंखुदकोइसयांत्रिकव्यवस्थासेमुक्तकरनाहै।आपकोअनुयायीनहींबनना,नकिसीकाअनुसरणकरनाहैबल्किअपनीराहखुदबनानेकासततप्रयासकरनाहै।चाहेवेअपनेहीक्योंनहों,आपअपनीतर्कशक्तिसेउनकाभीखंडनकरसकतेहैं।उधारकीसीखसेआत्मशक्तिकाअनुभवनहींहोगा।ज्ञानवहीहैजोआपकेभीतरतरंगपैदाकरेऔरआपकोअपनीबेड़ियोंसेमुक्तकरदे।
हमनेखुदकोचहारदीवारीमेंकैदकरलिया
फिल्मअभिनेताशेखरकपूरनेट्विटरकेमाध्यमसेबतायाकि आपखुदकीरक्षाकेलिएदीवारोंकानिर्माणकरतेहैं।फिरपातेहैंकिआपनेखुदकोअपनीहीबनाईचहारदीवारीमेंकैदकरलियाहै।तोड़डालिएइनदीवारोंकोऔरएकबारफिरजीवंतहोजाइए।
जोहोतेहैंमुक्तमन
कैसेबनेंवहयोद्धा