आजादी की लड़ाई में आदिवासियों की अहम भूमिका

रामगढ़प्रखंडकेबरमसियापंचायतअंतर्गतलाठीपहाड़गांवमेंकिसानसभाएवंआदिवासीअधिकारमंचकाकार्यक्रमसंवादसहयोगी,रामगढ़:आजादीकीलड़ाईमेंआदिवासियोंकीभूमिकाविषयपरबुधवारकोरामगढ़प्रखंडकेबरमसियापंचायतअंतर्गतलाठीपहाड़गांवमेंकिसानसभाएवंआदिवासीअधिकारमंचकेकार्यक्रममेंलाठीपहाड़गांवमें1943मेंअंग्रेजोंकेखिलाफविद्रोहमेंशामिललालबाबाहेंब्रमकेनेतृत्वमेंभागलेनेवालेसभीस्वतंत्रतासेनानियोंकेबारेमेंविस्तारसेचर्चाकीगई।

किसानसभाकेएहतेशामअहमदनेबतायाकि17फरवरी1943कोलाठीपहाड़मेंलालबाबाहेम्ब्रमकेनेतृत्वमेंअंग्रेजीहुकुमतकेखिलाफसशस्त्रआंदोलनहुआथा।उसआंदोलनमेंलगभग15सौलोगोंनेभागलियाथा।जिसमेंपहाड़िया,संथाल,खेतौरी,घटवाल,दलितजातिकेलोगशामिलथे।कहाकिशोधोंसेपताचलाहैकिदुर्गमपहाड़ीक्षेत्रमेंकाफीसंख्यामेंपहाड़ियाएवंआदिवासीलोगोंनेअंग्रेजीहुकूमतकेखिलाफविद्रोहमेंशामिलहुएथे।इसमेंकईमहिलाएंभीशामिलथीं।नेताजीसुभाषचंद्रबोसकीतर्जपरलालबाबाहेंब्रमनेदेशद्वारकदलबनाकरसंघर्षकोअंजामदियाथा।

17फरवरीकोअंग्रेजहुकुमतनेलाठीपहाड़मेंखोजीकुत्ताकेमाध्यमसेसर्चअभियानचलाया।खोजीकुत्ताकभीजेठाबास्कीतोकभीबागानमरांडीकीओरजारहाथा।इतनेमेंदरबारीमड़ैयानेअपनेतीरसेउसकुत्तेकोमारदियाथा।इसकेबादअंग्रेजीहुकूमतनेगोलीचलादीजिसमेंदरबारीमड़ैयाकेपैरमेंगोलीलगीथी।17फरवरीकाविद्रोहसंतालपरगनामेंएकबड़ाविद्रोहथा।

रामगढ़केलाठीपहाड़देशकोस्वतंत्रकरानेमेंअग्रणीभूमिकानिभायाथालेकिनआजतकइसगांवकोकोईभीसरकारनेविकसितनहींकिया।आजगांवपहुंचनेकेलिएमार्गतकनहींहै।लाठीपहाड़केग्रामप्रधानलगनगृहीनेबतायाकिजिसजगहपरलालबाबाहेंब्रमद्वाराअंग्रेजीहुकूमतकेखिलाफरणनीतिबनाईजातीथीवहांपरआजभीएकमांझीथानमौजूदहै।वहींदूसरीतरफमंदिरभीहै।लाठीपहाड़गांवमें50पहाड़ियापरिवाररहतेहैंलेकिनइन्हेंकिसीप्रकारकीसुविधानहींदीगईहै।परिचर्चामेंलाठीपहाड़गांवकानामस्वतंत्रतासेनानीपहाड़रखनेकाप्रस्तावपारितकियागया।उन्होंनेकहाकिपिछलेवर्षदुमकाकेसांसदभीयहांआएथे।

उन्होंनेभीइसेविकसितकरनेकाआश्वासनदियाथालेकिनएकवर्षबीतजानेकेबादभीआजतकयहांकोईकामनहींहुआ।इसदौरानआदिवासीअधिकारमंचकेजिलासचिवपीटरहेंब्रम,किसानसभारामगढ़अंचलकेअध्यक्षसनातनदेहरी,जिलासचिवदेवीसिंहपहाड़िया,मजदूरनेताअमरेशकुमारसिन्हा,किसाननेतालुथरूपुजहरसमेतअन्यलोगमौजूदथे।

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