चंबल के गांव जहां औरतें नहीं पहनतीं मर्दों के सामने चप्पल

महिलाओंकीबराबरीकोलेकरजागरूकताभलेहीअपनीरफ़्तारपकड़रहीहैलेकिनभारतकेग्रामीणइलाक़ोंमेंपरम्पराओंकीबेड़ियांअभीइसकीराहमेंखड़ीदिखाईदेतीहैं.

मध्यप्रदेशकेचंबलडिविज़नमेंआनेवालेएकगांवआमेठमेंमहिलाएंमर्दोंकेसामनेचप्पलउतारकरनंगेपैरचलतीहैं.

तकरीबन1200कीअबादीवालेइसगांवमेंमहिलाओंकीलगभगपांचसौकीआबादीहै.सुबहतड़केआमेठकीऔरतेंपानीकेबर्तनलिएडेढ़किलोमीटरदूरपानीकेझरनेकीतरफ़जातीदिखतीहैं.

दिनके7-8घंटेपरिवारकेलिएपानीकेइंतजामकरनेमेंथककरचूरहोजानेवालीशशिबाईकोइसबातकाग़महैकिउसेपरिवारऔरसमाजमेंवोइज़्ज़तनहींमिलतीजिसकीवोहक़दारहैं.

आवाज़उठानेवालीमहिलाएंबनीं'पर्सनऑफ़दईयर'

यहांआधीरातमेंभीमहिलाएंअंडरपाससेगुज़रतीहैं

शशिबाईकहतीहैं,"सिरपरपानीयाघासकाबोझलिएजबहमगांवमेंघुसतेहैंतोचबूतरेपरबैठेबुज़ुर्गोंकेसामनेसेनिकलनेकेलिएहमेंअपनीचप्पलउतारनीपड़तीहै.एकहाथसेचप्पलउतारनेऔरदूसरेहाथसेसामानपकड़नेकीवजहसेकईबारहमख़ुदकोसंभालनहींपाते."

शशिआगेकहतीहैं,"अबऐसारिवाजसालोंसेचलाआरहाहैतोहमइसेकैसेबदलें.अगरहमबदलेंभीतोसास-ससुरयादेवर,पतिकहतेहैंकिकैसीबहुएँआईहैं,बिनालक्षन,बिनादिमाग़के,बड़ोंकीइज़्ज़तनहींकरतीं.चप्पलपहनकरउड़तीरहतीहैं."

गांवकेहीचौपालपरचौरसखेलतेहुएकुछमर्दइसरिवाजकोअपने'पुरखोंकीपरंपरा'बतातेहैंऔरइसबातपरज़ोरदेतेहैंकि'औरतोंकोपुरुषोंकीइज़्ज़तकीख़ातिरउनकेसामनेचप्पलपहनकरनहींचलनाचाहिए.'

दफ़्तरोंमेंयौनउत्पीड़नसेकैसेलड़ेंमहिलाएं?

सफेदघनीमूछोंवाले65सालकेगोविंदसिंहसादगीसेकहतेहैं,"सभीऔरतेंराज़ी-खुशीसेपरंपरानिभातीहैं.हमउनपरकोईज़बरदस्तीनहींकरते.आजभीहमारेघरकीऔरतेंहमेंदेखकरदूरसेहीचप्पलउतारलेतीहैं.कभीरास्तेमेंमिलजातीहैंतोचप्पलउतारदूरखड़ीहोजातीहैं."

औरतोंपरयहरिवाजबरसातकेकीचड़सेभरेरास्तेहोंयाजाड़ेसेसिकुड़ीहुईसड़कयाफिरगर्मियोंकेझुलसतीपगडंडी,सभीमेंलागूरहताहै.

आदर्शफ़ाउंडेशननामकएनजीओमेंकामकरनेवालीझरियादेवीकहतीहैंकिआस-पासकेगांवोंमेंयहप्रथाआमहै.वहआजभीअपनेटोलेमेंचप्पलउतारकरहीदाख़िलहोतीहैं.

वहबतातीहैं,"यहांरिवाजपहलेसिर्फ'निचली'जातिकेऔरतोंकेलिएहीथालेकिनजब'निचली'जातिकीऔरतोंमेंकानाफूसीहोनेलगीतोफिरये'ऊपरी'जातियोंकेऔरतोंकेलिएभीज़रूरीकरदियागया."

बहरहाल,कुछनौजवानजोशहरमेंरहकरवापसआएहैं.वेइसरिवाजकोपक्षपातीमानतेहैं.

गाँवकेरमेशकहतेहैं,"मंदिरोंकेआगेसेजबकोईऔरतचप्पलपहनकेनिकलजाएतोसारागांवकहनेलगताहैकिफलानेकीबहूअपमानकरगईलेकिनगांवकेमर्दतोचप्पल-जूतेपहनकरहीमंदिरकेचौपालपरजुआखेलतेरहतेहैं.तबक्याभगवानकाअपमाननहींहोता."

हालांकि,रमेशयेबातअपनेबुज़ुर्गोंकोकहनेसेडरतेहैंलेकिनउन्हेंउम्मीदहैकिमीडियामेंख़बरआनेकेबादशायदयहरिवाजबंदहोजाए.

साइबरक्राइमसेकैसेबचेंमहिलाएं?

येभीकोईमुद्दाहै?

श्योपुरकेडीएमपन्नालालसोलंकीअपनेज़िलेमेंइसतरहकेकिसीभीरिवाजकेचलनसेअनभिज्ञताजतातेहैं.हालांकि,वोकहतेहैंकिवोइसपरंपराकेबारेमेंपताकरेंगेऔरअगरयेउनकेक्षेत्रमेंचलरहाहैतोउनकीकोशिशइसेबंदकरनेकीहोगी.

मर्दोंकेसामनेऔरतोंकेचप्पलपहननेकीरोकगाँवकेबाहरउत्तरीहिस्सेमेंबसेअदिवासीटोलेमेंभीहै.

मुझेऔरतोंसेबातेकरताहुआदेखएकअदिवासीनौजवानजोरसेकहताहै,"येहमारीपुरखोंकीइज़्ज़तकासवालहै.हमअपनीऔरतोंकोगांव-घरमेंचप्पलनहींपहननेदेंगे."

टोलेकेकुछलोगइसबातसेभीहैरानथेकिऔरतोंकेचप्पलपहननाभीकोईग़लतबातहैक्या.

अपराधीजिन्हेंमहिलाएंईसामसीहकाअवतारमानतीथीं

सताराज़िलेकेगांवोंमेंमहिलाएंकररहींमौनक्रांति

Previous post वीटीआर के भिखनाठोरी में लगी आग
Next post सरकारी पानी की टंकी से हजारों