डबवाली का रामगढ़ गांव, यहां का हर घर पानी की बूंद-बूंद सहेजने को समर्पित
हिसार/सिरसा,जेएनएन।अंधाधुंधतरीकेसेभू-जलकाप्रयोगहोरहाहै।काफीबड़ेक्षेत्रकोसरकारडार्कजोनघोषितकरचुकीहै।प्रकृतिकासंतुलनबनाएरखनेकेलिएसरकारनेधानबिजाईकीअवधिनिश्चितकरदीहै।काफीप्रयोगोंकेबादभीआंशिककामयाबीहाथलगीहै।लेकिनडबवालीकेरामगढ़गांवकीबातहीनिरालीहै।प्रतीतहोताहैकिप्रत्येकगांववासीभू-जलसंरक्षणकीदिशामेंकामकररहाहै।सामूहिकप्रयाससरकारऔरपूरेहरियाणाप्रदेशकेलिएप्रेरणादायकहै।
रामगढ़गांवकीबातकरेंतोभू-जलकरीब70से80फुटगहराईपरमिलताहैऔरपानीखाराहै।इसनियतिकोग्रामीणसाफनीयतसेबदलनेमेंलगेहैं।गांवमेंकरीब400घरहैं।लगभगप्रत्येकघरमेंग्रामीणोंनेसोखतागड्ढाबनारखाहै।महिलाएंफर्शसाफकरतीहैंयाफिरबर्तनधोतीहैंतोपानीबाहरगलीमेंनहींबहता,बल्किगड्ढेमेंचलाजाताहै।
विरासतमेंमिलाजलसंरक्षण
80वर्षीयदानारामबतातेहैंकिइंसानकोकुछचीजेंविरासतमेंमिलतीहैं।जलसंरक्षणउन्हींमेंसेएकहै।जैसाहमेंपूर्वजसमझागए,वेवैसेहीकररहेहैं।लगभगसभीघरोंमें40फुटगहराईकेसाथ3फुटचौड़ाईवालासोखतागड्ढाबनाहुआहैजोकरीब20सालतकनहींभरता।भरनेकीसूरतमेंदूसरासोखतागड्ढाखोदलियाजाताहै।हमेंउम्मीदहीनहीं,पूराविश्वासहैकिहमारेप्रयासोंकीजीतहोगी।जमीनीपानीकास्तरसुधरेगा,हमारीपीढ़ियांइसप्रयासकोहमेशायादरखेंगी।
गांवकोहोरहादोहरालाभ
भू-जलसंरक्षणकेलिएकामकररहेगांवकोदोहरालाभमिलरहाहै।इंजीनियरराकेशकुलरियाबतातेहैंकिगांवमेंकरीबएकदर्जनगलियांहैं।किसीगलीमेंनालीनहींहै।चूंकिघरकापानीसोखतागड्ढेमेंजाताहै।अकसरनालीकीसफाईनहींहोती,गंदापानीगांवकीगलियों,मुख्यरोडपरबहतारहताहै।मच्छरमक्खीमंडरातेरहतेहैं,लेकिनरामगढ़गांवमेंऐसीअव्यवस्थानहींहै।जलसंरक्षणकेसाथ-साथस्वच्छताकेपैमानेपरहमखरेउतररहेहैं।
बारिशकेपानीकासदुपयोग
रामगढ़गांवपहलेरिसालियाखेड़ाकीवसीयतहुआकरताथा।करीबतीनदशकपहलेहीअलगपंचायतबनीहै।वृद्धदानारामबतातेहैंकिअंग्रेजीहुकूमतनेयहांतालाबकानिर्माणकियाथा।उससमयबारिशकापानीढाबमेंइकट्ठाहोजाताथा।पड़ोसीगांवरिसालियाखेड़ा,बिज्जूवाली,रत्ताखेड़ा,चकजालू,चकफरीदपुर,दारेवालाकेग्रामीणयहींसेऊंटगाडिय़ोंपरपानीभरलेजातेथे।अंग्रेजोंकेजानेकेबादसरकारोंनेउसतालाबकीखुदाईकरवाकरउसेमूर्तरूपदेदिया।गांवमेंनालियांनहींहैं,लेकिनगांवकालेवलइसप्रकारसेबनाहैकिबारिशकापानीसीधाढाबमेंचलाजाताहै।बादमेंखेतीकार्योंकेलिएपानीप्रयोगकियाजाताहै।
पूर्वजोंनेपानीकीमहत्तासमझघरसेकीशुरुआत
सरपंचजोगिंद्रसिंहबतातेहैंकिजलसंरक्षणकीनसीहतपूर्वजोंकीदेनहै।हमउनकेविश्वासकीकसौटीपरखराउतररहेहैं।गांवकेबुजुर्गोंसेअकसरसुनाईदेताहैकिपुरानेसमयमेंभू-जलकीदशावर्तमानसमयसेबहुतखराबरही।इसवजहसेपूर्वजोंनेपानीकीमहत्तासमझतेहुएजलसंरक्षणपरजोरदिया।इसलिएघरसेशुरुआतकी।आजगांवमेंलगभगप्रत्येकघरमेंसोखतागड्ढाहै।उसीकेजरियेपानीजमीनमेंजाताहै।