दलित उत्थान का पहला पायदान

उत्तरप्रदेशकेसहारनपुरजिलामुख्यालयसेकरीब20किमीऔरसहारनपुर-पंचकूलाहाइवेसे8किमीदूरमुख्यतौरपरमुसलमानोंतथादलितोंकीमिली-जुलीआबादीवालागांवहै—हौजखेड़ी.शामकेछहबजेहैं.

नौजवानोंकासमूहअपनेमोबाइलफोनमेंव्यस्तहै,तोबड़े-बूढ़ेअपनीचौपालोंमेंचर्चाकररहेहैं.लाउडस्पीकरपरबजताएकभजन"उठजागमुसाफिरभोरभई,अबरैनकहांजोसोवतहै,जोसोवतहैवोखोवतहै''अपनीओरध्यानखींचताहै.

जिसमंदिरमेंयहभजनचलरहाहै,ठीकउसीकीदीवारकेपीछेएकपाठशालाचलरहीहैऔरवहां4से16सालतककीउम्रकेकरीब50बच्चेअपनीकिताबोंमेंखोएहुएहैं.नकोईड्रेसकोडऔरनहीकिसीप्रकारकेकोईगैर-जरूरीनियम-कायदेइनपरलागूहैं.

पांवमेंचप्पलहैतोठीक,नहींहैतोभीठीक.सभीबोरी-टाटबिछाउसपरबैठकरपढ़ाईकररहेहैं.यहहैभीमपाठशाला,जिसेपश्चिमीउत्तरप्रदेशमेंपिछलेएकसालमेंसुर्खियोंमेंआईभीमआर्मीदलितबच्चोंकेलिएचलारहीहै.इसीतरहकीकरीब300पाठशालाएंपूरेसहारनपुरमेंचलरहीहैं.

शामहोतेहीजहांदूसरेबच्चेखेलकूदमेंव्यस्तरहतेहैं,दलितपरिवारोंकेबच्चेइनभीमपाठशालाओंकीओरचलपड़तेहैं.हौजखेड़ीकेभीमपाठशालामेंबच्चेस्कूलोंमेंजोपढ़ा,उसकारिवीजनकररहेहैं.किसीकोकुछदिक्कतहैतोवहशिक्षकसेउसकासमाधानपूछरहाहै.खासबातयहहैकिसभी"जयभीम''कहकरहीएक-दूसरेकाअभिवादनकररहेहैं.जाहिरहै,येपाठशालाएंसिर्फस्कूलीपाठतकसीमितनहींहैं.

पाठशालामेंएकछोटीबच्चीअनिता(परिवर्तितनाम)परभीमआर्मीकेसंस्थापकसदस्यकमलवालियाकीनजरपड़तीहै.उससेसीधासवालकियाजाताहै,"माथेपरतिलककिसनेलगाया?''बच्चीमासूमियतसेबतातीहै,"मम्मीकेसाथमंदिरगईथी.''

इसकेबादबच्चीकोपाठशालासेयहकहकरघरभेजदियाजाताहै,"जाओइसेसाफकराकरआओ.''दोघंटेकीइनपाठशालाओंकीशुरुआतदलितमहापुरुषोंकेस्मरणकेसाथहोतीहै.यहांभीमरावआंबेडकरकापाठहोताहैऔरउन्हींकीजयकेसाथरोजानाबच्चोंकीकक्षाओंकासमापनभी.

इसतरहसहारनपुरमेंमई2017कीजातीयहिंसाकेबादउभरी"भीमआर्मी''अपनेएकखासमकसदसेलगातारआगेबढ़रहीहै.यहमकसददलितबच्चोंकोबुनियादीस्तरपरशैक्षिकरूपसेमजबूतकरनाऔरसाथहीउन्हेंअपनेमहापुरुषोंकेबारेमेंजागरूककरनाहै.

येपाठशालाएंनर्सरीसेलेकरइंटरमीडिएटतककेबच्चोंकेलिएहैंऔरएकदममुफ्तहैं.पश्चिमीउत्तरप्रदेशमेंऐसीकरीब500पाठशालाएंचलरहीहैं.भीमआर्मीनेइससालइनकीसंख्याएकहजारकरनेकालक्ष्यरखाहैऔरउच्चशिक्षाकेअलावासिविलसर्विसेजसमेतविभिन्नप्रतियोगीपरीक्षाओंकीतैयारियांकरानेकाभीप्रस्तावहै.यहांजरूरतमंदबच्चोंकोमुक्रतकिताबें,पेंसिलऔरकॉपियांभीदीजातीहैं.

हौजखेड़ीमेंएकछोटे-सेघरकेआंगनमेंचलरहीभीमपाठशालामेंपढ़ारहींसरिताआंबेडकरएमएऔरबीएडकरचुकीहैं.उन्होंनेमहाराजसिंहडिग्रीकॉलेजसहारनपुरसेएमएकियाऔरआर्थिकतंगीकेकारणअक्सरपैदलही18किमीदूरकॉलेजजातीथीं.

संघर्षकेइसीएहसासनेउन्हेंबच्चोंकोशैक्षिकतौरपरसमृद्धबनानेकेलिएप्रेरितकिया.वेबतातीहैं,"दोसालसेयहभीमपाठशालाचलरहीहैऔरबोर्डपरीक्षाओंमेंयहांकेबच्चेडिस्टिंक्शनकेसाथप्रथमश्रेणीसेपासहुएहैं.''

महापुरुषोंमेंआंबेडकरकेअलावासावित्रीबाईफुलेऔरकांशीरामजैसेलोगोंसेजुड़ीजानकारियां,उनकाजीवनसंघर्षऔरसामाजिकयोगदानभीपढ़ायाजाताहै.इसकीजरूरतकेबारेमेंकमलवालियाकहतेहैं,"स्कूलीपाठ्यक्रममेंहमारेमहापुरुषोंकेबारेमेंकुछभीनहींहै.अगरथोड़ा-बहुतकुछहैभीतोवहगलतहै.हमअपनेसमाजकोअपनेमहापुरुषोंसेजोड़करहीउन्नतिकरसकतेहैंऔरयहऐतिहासिकतथ्यहै.''

सहारनपुरमुख्यालयसेकरीब20किमीदूरठाकुरोंऔरदलितोंकीमिली-जुलीआबादीवालेगांवबुड्ढाखेड़ापुंडीरकेआंबेडकरभवनमेंभीभीमपाठशालाचलरहीहै.आंबेडकरभवनआमतौरपरबारातघरकेतौरपरइस्तेमालहोताहै.

स्नातककीछात्राएंरचनाऔरनिशायहांस्वैच्छिकशिक्षकहैं.वेबच्चोंकोगणित,अंग्रेजीऔरविज्ञानपढ़ारहीहैं.निशाबतातीहैं,"अधिकांशदलितबच्चेबेहतरशिक्षासेवंचितहैं.सरकारीस्कूलोंमेंइनकापंजीकरणसंतोषजनकनहींहैऔरनिजीस्कूलोंमेंइनकीसंख्याऔसतहै.अध्यापकइन्हेंनजरअंदाजकरतेहैं.''वेयहभीकहतीहैं,"किसीभीबच्चेकेशैक्षिकभविष्यकीबुनियादशुरुआतीदससालमेंरखीजातीहै.

चंद्रशेखरभाईनेइसजरूरतकोसमझाकिदसवींकक्षापासकरनेसेपहलेबच्चेगणित,अंग्रेजीऔरविज्ञानजैसेकठिनविषयोंमेंकमजोरहोतेहैंऔरवेअपनाकरियरतयनहींकरपातेहैं.इसीकेमद्देनजरदोसालपहलेभीमपाठशालाकीशुरुआतकीगई.''

भीमआर्मीकेसंस्थापकचंद्रशेखरफिलहालसहारनपुरहिंसामामलेमेंजेलमेंहैं.वालियाबतातेहैं,"21जुलाई,2015कोभीमआर्मीकेस्थापनादिवसपरसबसेपहलीपाठशालासहारनपुर-देहरादूनमार्गपरस्थितफतेहपुरगांवमेंस्थापितकीगईथी.''भीमआर्मीकेराष्ट्रीयअध्यक्षविनयरतनइसीगांवकेहैं.

इससेप्रेरितहोकरबुड्ढाखेड़ागांवमेंभीलोगोंनेऐसीपाठशालास्थापितकी.इसगांवकेभीमआर्मीकेसदस्यसतीशगौतमबतातेहैं,"तीनसालपहलेहमनेकंवरपालसिंहकेछोटे-सेआंगनमें30विद्यार्थियोंसेपाठशालाकीशुरुआतकीथी.

केवलदोसप्ताहमेंयहसंख्याजब100परपहुंचगईतोहमेंपाठशालाकोआंबेडकरभवनमेंशिफ्टकरनापड़ा.''तबनिशानेदसवींकक्षाउत्तीर्णकीथीऔरवेअपनेपिताकंवरपालसिंहकेआंगनमेंशुरूहुईपाठशालामेंपहलीस्वयंसेवीशिक्षिकाबनीथीं.बकौलनिशा,"पाठशालामेंआनेवालेप्रत्येकबच्चेकोहमकॉपी,पेंसिल,पुस्तकऔरपढ़ाईकेलिएहरजरूरीसामानदेतेहैं.किसीभीकीमतपरसबकोशिक्षामेंसमृद्धकरनाहमारामकसदहै.अबहमारेपास200सेअधिकबच्चेआतेहैं.इसीकारणप्रत्येकगांवसेसहारनपुरशहरकेस्कूलोंमेंदलितविद्यार्थियोंकीसंख्यापिछलेदोवर्षोंमेंबढ़ीहै.''

गांवकेदलितबतातेहैंकिबी.टेककोर्सेजमेंदाखिलालेनेवालेगरीबदलितछात्रोंकीफीसकीव्यवस्थाकरनेसेलेकरगरीबलड़कियोंकीशादियोंकाखर्चजुटानेऔरनौकरीपानेतक,भीमआर्मीयुवाओंकीमददकरतीहै.

बकौलवालिया,"येपाठशालाएंहाशिएपरपड़ेसमुदायकोएकजुटऔरशैक्षिकरूपसेजागृतकरनेकीताकतबनीहैं.''भीमआर्मीकेसांगठनिकविस्तारमेंभीइनपाठशालाओंसेमददमिलतीहै.

उनकेमुताबिक,अबसिर्फ सहारनपुरमेंपिछलेदोसालमेंउससे30,000सेज्यादासदस्यजुड़ेहैं.उसकेराष्ट्रीयप्रवक्तामंजीतनौटियालकहतेहैं,"हमारेसारेकामस्वैच्छिकहैं.सदस्य100रु.सेलेकर500रु.तकहरमाहइसकार्यमेंदानकरतेहैं.एकपाठशालाकाखर्च4,000-5,000रु.आताहैजिसकाइंतजाममिल-जुलकरहोजाताहै.''

सहारनपुर-देहरादूनहाइवेपरस्थितचमारीखेड़ागांवकीऐसीहीएकपाठशालामेंपढ़कररचनानेजेएचपीहाइस्कूलमेंटॉपकियाथा.अबवेभीभीमपाठशालामेंपढ़ारहीहैं.रचनाकेपिताधीरसिंहभूमिहीनकिसानहैंऔररचनाडॉक्टरबनकरपाठशालाओंकीतर्जपरगांवोंमेंछोटेमुफ्तक्लिनिकचलानाचाहतीहैं.

50वर्षीयधीरसिंहकहतेहैं,"मेरेलिएसबबच्चोंकोशिक्षितकरनाअसंभवथा,परइसपाठशालानेइसेसंभवकियाऔरअबरचनाकेडॉक्टरबननेकोलेकरमैंनिश्चिंतहूंक्योंकिउसकेसपनेकीदेखभालकरनेवालेउसके"भाई''हैं.''जिसतरहबहुजनसमाजपार्टीप्रमुखमायावतीकोदलितसर्वमान्यतौरपर"बहनजी''कहताहै,उसीतरहस्थानीयदलितनौजवानभीमआर्मीकेचारोंसंस्थापकसदस्योंको"भाई''कहतेहैं.

पिछलेसालउपद्रवकेगवाहबनेशहरसेसटेरामनगरगांवमेंरहनेवालेसचिनवालियाभीगांवकेरविदासमंदिरमेंपाठशालाचलारहेहैं.वेपॉलीटेक्निकऔरबीएससीकरनेकेबादअबसिविलसर्विसेजकीतैयारीभीकररहेहैं.

स्थानीयदलितकिसीनकिसीरूपमेंपाठशालाओंमेंसहयोगीबनरहेहैं.सेवानिवृत्तशिक्षकहरिसिंहएकपाठशालाकेस्वैच्छिकप्रिंसिपलहैंतोदूसरेसेवानिवृत्तशिक्षकऋषिदासशामकेसमयरविदासमंदिरकेलाउडस्पीकरसेबच्चोंकोपाठशालामेंभेजनेकेलिएउद्घोषणाकरतेहैं.

निशाकाकहनाहै,"भीमआर्मीनेलड़कियोंकोगांवसेशहरतकसाइकिलोंसेस्कूलआने-जाने,छेडख़ानीऔरशारीरिकउत्पीडऩसेभीआजादीदिलाई.''निशाकेगांवमेंकुल15स्वैच्छिकशिक्षकहैं.इनमेंसेएककहतेहैं,"बाबासाहबनेकहाथा,पहलेखुदकोशिक्षितकरो,फिरएकजुटतालाओऔरफिरअपनेअधिकारोंकेलिएसंघर्षकरो.यहीहमकररहेहैं.''

पाठशालाओंकागणित

-सहारनपुरमेंहैंकरीब300भीमपाठशालाएं

-हरपाठशालामेंऔसतन100बच्चेहैं.

-मुजफ्फरनगरऔरमेरठमेंऐसे100केंद्रहैं

-आगरा,अलीगढ़औरमुरादाबादमेंप्रस्तावितहैंभीमशालाएं

-सिविलसर्विसेजकोचिंगकेंद्रखोलनेकाभीप्रस्ताव

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