जंगली जानवरों का आतंक चरम पर, खाली हुुआ आधा गांव
थल(पिथौरागढ़),[अर्जुनसिंहरावत]:अबतकपानी,बिजली,शिक्षाऔरचिकित्साजैसीमूलभूतसुविधाओंकेलिएपलायनकीबातसामनेआतीरहीहै,लेकिनपिथौरागढ़जिलेकाएकगांवजंगलीजानवरोंकेखौफसेखालीहोरहाहै।वन्वजीवोंकेहमलेऔरखेतीतबाहकरनेसेआजिजग्रामीणअपनापुस्तैनीघरछोड़दूसरीजगहोंपरआसरातलाशरहेहैं।
डीडीहाटविकासखंडकेवर्षायतगांवमेंजंगलीजानवरोंकेआतंकसेपरेशानआधेपरिवारोंनेगांवछोड़दिएहैं।बचेहुएपरिवारमजबूरीमेंहीगांवमेंरहरहेहैं।सीमांतजिलेकेउपजाऊगांवोंमेंवर्षायतगांवकानामभीशामिलहैं।गांवकेलोग500नाली(करीब225बीघा)भूमिपरखेतीकरपीढिय़ोंसेअपनीआजीविकाचलातेआरहेहैं।
समृद्धमानेजानेवालेइसगांवमेंपिछलेकुछवर्षोंसेजंगलीजानवरसुअर,बंदर,लंगूरकहरबनकरटूटरहेहैं।मेहनतपरजंगलीजानवरोंकेपानीफेरदेनेसेपरेशानकिसानकईबारशासन-प्रशासनसेसमाधानकीगुहारलगाचुकेथे,लेकिनकोईसुनवाईनहींहुई।इससेदुखीहोकर13परिवारसेपलायनकरगए।इनपरिवारोंनेतहसील,जिलामुख्यालयऔरहल्द्वानीजैसेशहरोंमेंअपनाआशियानाबनालियाहै।शेषबचे12परिवारभीफिलहालमजबूरीमेंहीगांवमेंटिकेहुएहैं।
पूर्वमंत्रीऔरडीडीहाटसेभाजपाविधायकविशनसिंहचुफालकाकहनाहैकिगांवोंकोजंगलीजानवरोंकीसमस्यासेनिजातदिलानेकीदिशामेंसरकारप्रयासकररहीहै।इसकेलिएयोजनाएंबनरहींहैंजोजल्दधरातलपरदिखेंगी।
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