मनुष्य के अंदर मौजूद हैं देवत्व के गुण
झुमरीतिलैया(कोडरमा):झुमरीतिलैयाकेअड्डीबंगलास्थितदुर्गामंडपप्रांगणमेंसोमवारकोशक्तिसंवर्धन24कुंडीयगायत्रीमहायज्ञसहगायत्रीशक्तिपीठकेस्थापनादिवसकेमौकेपरदोपालियोंमेंकरीब500श्रद्धालुओंनेहवनकुंडमेंआहूतियांदी।इसकेपूर्वगुरुवईश्वरवंदनाकीगईतथा33कोटीदेवताओंकाआह्वानकियागया।इसमेंमुख्ययजमानकेरूपमेंमनोजसाव,राजेशकुमारशामिलहुए।वहींसंध्यामेंकार्यकर्तागोष्ठीकाआयोजनकियागया।रविवारकीरात्रियुगगायनएवंसंदेशकार्यक्रमकाआयोजनकियागया।इसकाशुभारंभगुरुवंदनाएकतूहीआधार..केसाथहुआ।उसकेबादटोलीकासत्कारसुनीताभगतएवंभारतीदेवीकेद्वाराकियागया।कार्यक्रमकाउद्घाटनगायत्रीमाताकेतस्वीरकेसमक्षवार्डपार्षदरीतादेवी,राजेशकुमार,मंदिरकेट्रस्टीअर्जुनराणा,नीलमसाहाबादीवअन्यभक्तोंनेसंयुक्तरूपसेकिया।हरिद्वारसेआयेप्रवचनकर्तादशरथप्रसादसाहनेअपनेप्रवचनमेंकहाकिमनुष्यकेअंदरदेवत्वकागुणहैजिसेजगानेकीआवश्यकताहै।मनुष्यमात्रमात्रभटकाहुआहै।यदिउसमेंदेवत्वजागजाएतोनरसेनारायणबनजाएगा।महायज्ञज्ञान-विज्ञानकेरूपमेंईश्वरसेप्राप्तहुआहै।उसीज्ञान-विज्ञानकोबांटनेकेलिएगायत्रीपरिवारहमेशाप्रयासरतहै।मानवजीवनकेलिएसत्संगजरूरीहै।उन्होंनेकहाकिशिक्षालोगोंकोसभ्यबनातीहैएवंविद्यामनुष्यमेंसंवेदनाजगातीहै।दोनोंकेसहीउपयोगसेमनुष्यदेवताबनताहैतथाधरतीस्वर्गबनतीहै।गलतउपयोगसेव्यक्तिराक्षसबनताहैऔरधरतीकोसंकटमेंडालताहै।मौकेयज्ञसमितिकेअध्यक्षउमेश्वरप्रसाद,अवधकिशोरमंडल,शिवकुमारवर्णवाल,केदारविश्वकर्मा,लखनलालदीक्षित,शक्तिकुमार,महेंद्रवर्णवाल,भिखारीराणा,राजकुमारमेहता,मुकेशराणा,राजेंद्रसाव,गणेशसाव,राजेंद्रमिस्टकार,प्रकाशठाकुर,प्रशांतकुमार,सुखदेवसिंह,मुक्तावर्णवाल,मिनीपंडित,सुनीतावर्णवाल,गौरीदेवी,मनोरमाचौधरी,कनकलताश्रीवास्तव,शीलावर्णवाल,मुक्तावर्णवालआदिउपस्थितथे।वहींमंगलवारकोसुबह6बजेध्यानएवंयोग,8बजेयज्ञएवंविभिन्नसंस्कारकाआयोजनकियाजाएगा।