नारी सशक्तिकरण के बिना सशक्त समाज की कल्पना व्यर्थ

गजरौला:जबतकनारीसशक्तनहींहोगी,तबतकसशक्तसमाजकीकल्पनाकरनाबेकारहै।इसलिएनारीअपनीअंतरात्माकीशक्तिकोपहचानेऔरसमाजकेहरक्षेत्रमेंअपनीउपस्थितिदर्जकराए।यहबातमहिलादिवसपरजुबिलेंटआफिसर्सवेलफेयरक्लबमेंआयोजितकार्यक्रममेंइनरव्हीलक्लबकीअध्यक्षपूनमसिंहनेकही।

शुक्रवारकोअंतर्राष्ट्रीयमहिलादिवसपरजुबिलेंटभरतियाफाउंडेशनद्वाराआयोजितकार्यक्रमकाशुभारंभइनव्हीलक्लबभरतियाग्रामकीप्रेसीडेंटपूनमसिंह,धनौराकीप्रेसीडेंटकुसुमगोयल,हसनपुरकीप्रेसीडेंटसंगीताअग्रवाल,कवियत्रीडॉ.मधुचतुर्वेदी,महिलाथानाकीदारोगासाक्षी,संगीतारेनेसंयुक्तरूपसेदीपप्रज्ज्वलितकरकिया।इसमौकेपरपूनमसिंह,कुसुमगोयल,संगीताअग्रवाल,डॉ.मधुचतुर्वेदी,महिलाथानेकीएसआईसाक्षी,संगीताएसरेनेविचारव्यक्तकिए।कहाकिजबतकनारीसशक्तनहींहोगीतबतकसशक्तसमाजकीकल्पनाकरनाबेकारहै।डॉ.एमएसरेनेमहिलाओंकोअंतर्राष्ट्रीयमहिलादिवसकीबधाईदेतेहुएनारीसशक्तिकरणपरजोरदिया।यहांरीनासिंह,वंदनासिन्हा,मीरागुप्ता,डॉ.सीमागुप्ता,रश्मि,रुकसाना,नवनीतउपाध्याय,डॉ.नीरजकुमारी,राखीगुप्ता,रजनीआदिमौजूदरहीं।कार्यक्रमकासंचालनविकाससिंहनेकिया।

विश्वबंधुएकेडमीमेंमहिलादिवसपरआयोजितकार्यक्रमकाशुभारंभशिक्षिकाओंनेकेककाटकरकिया।विद्यालयकीअध्यापिकावैशाली,आंचल,स्वाति,भावनाआदिनेकविताओंएवंगीतोंकेमाध्यमसेआजकेविकसितसमाजमेंमहिलाओंकेमहत्वपूर्णयोगदानकोसराहा।कार्यक्रमकेअंतमेंप्रबंधकद्वाराशिक्षिकाओंकोउपहारदेकरसम्मानितकियागया।

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