फरहीन की सोच से बदली गांव की अर्थव्यवस्था
मेरठ,जेएनएन।जानीखुर्दविकासक्षेत्रकेसिसौलागावकीकुछमहिलाओंनेएकदशकपहलेफुटबालबनानासीखा।घरमेंकामशुरूकियाऔरअन्यमहिलाओंकोभीअपनेसाथजोड़ा।लेकिनसहीराहनमिलनेकेकारणआमदनीनहींबढ़सकी।ऐसेमेंगांवनिवासीयुवतीफरहीनआगेआईंऔरगांवमेंजिलाप्रशासनकीमददसेस्वयंसहायतासमूहकागठनकराया।वर्तमानमेंयहाहरघरमेंफुटबालबनानेकाकामहोरहाहै।
गांवसिसौलानिवासीयुवतीफरहीननेमहिलाओंकोस्वरोजगारकीदिशामेंआगेबढ़ानेमेंसबसेअधिकयोगदानदिया।गांवसेलेकरमेरठतकचक्करलगाएऔरजिलाप्रशासनकेसामनेगांवकीस्थितिकोरखतेहुएमददकीमांगकी।फरहीनकीलगनकोदेखतेहुएजिलाप्रशासननेगांवमेंदर्पणवजन्नतनामसेमहिलाओंकेस्वयंसहायतासमूहकागठनकिया।आर्थिकमददउपलब्धकराईगईऔरइनसमूहकेसाथमेंएकदर्जनसमूहतैयारकिए।साथहीमेरठकीकईकंपनियोंसेसमझौताकराकरकच्चामालभीउपलब्धकरायागया।समूहमें12से15महिलासदस्यहैं।तीनगुनासेअधिकबढ़ीआय
समूहकागठनहोनेसेपहलेएकमहिलाकोमाहमेंडेढ़हजाररुपयेतककीआमदनीहोतीथी।समूहबननेकेबादअबमाहपांचसेछहहजाररुपयेतकएकसदस्यकोमिलनेलगेहैं।महिलाएंघरकाकार्यकरनेकेसाथहरदिनमेंपांचसेआठफुटबालतैयारकररहीहै।कमाईकीरकमभीअबसीधेबैंकखातेमेंआतीहै।आमदनीबढ़नेसेगांवमेंगरीबीकाउन्मूलनतोहुआहीअबहरघरकीअर्थव्यवस्थाभीरफ्तारपकड़चुकीहै।