सीमांचल में बढ़ती जा रही विस्थापितों की संख्या, हर साल बरसात में छोडऩा पड़ता है घर
जागरणसंवाददाता,सुपौल।कोसीसेविस्थापनकापुरानानाताहै।पूर्वमेंजबकोसीनदीकोतटबंधोंकेबीचबांधागयातोसैकड़ोंगांवकीआबादीविस्थापितहुई।सरकारनेपुनर्वासकीबातकीऔरकाफीसंख्यामेंलोगपुनर्वासितभीकिएगए।पुनर्वासितकिएजानेकेबावजूदएकबड़ीआबादीपुनर्वाससेवंचितरहगई।अबभीहरसालकोसीमेंबाढ़आतीहैऔरकिसीनकिसीगांवकीआबादीविस्थापितहोतीहैयानीकोसीकीकोखसेउजपीविस्थापनकीपीड़ाबढ़तीजारहीहै।बाढ़केबादपीडि़तअपनेगांवलौटतेहैंऔरअपनानयाबसेराबनातेहैं।
-पुनर्वाससेवंचितरहगईबाढ़पीडि़तोंकीबड़ीआबादी
-तटबंधोंऔरस्परोंपरकाफीसंख्यामेंशरणलिएहुएहैंविस्थापित
तटबंधऔरस्परोंकेकिनारेबसाईदुनिया
गाईडबांधऔरएनएच57केबीचकमलदाहा,बेंगा,छपकी,इटहरी,सनपतहा,बनैनियांऔरबलथरवाकेविस्थापितलोगबसतेहैं।2010मेंगाईडबांधनिर्माणकेबादयेबेघरहोगए।इनकेगांवकोसीकेउदरमेंसमागए।इनलोगोंनेवहींतटबंधकेकिनारेऔरआसपासअपनीदुनियाबसाली।चिकनी,झाझाऔरसरायगढ़मेंबनैनियाके,भपटियाहीकेस्परोंपरबलथरबाके,कल्याणपुरमेंगौरीपट्टीके,दिघियामेंढोली,झखराही,सियानीऔरकटैयाकेविस्थापितशरणलिएहुएहैं।किशनपुरप्रखंडकेबुर्जाऔरडुमरियामेंभीविस्थापितोंकाशरणस्थलहै।एकहीटोलेमेंकईगांवकीआबादीबसतीहै।
यहटोलाकिसीखासगांवअथवापंचायतकानहींबल्कितटबंधकेकिनारेबसाविस्थापितोंकाटोलाहै।अलग-अलगस्परोंपरअलग-अलगगांवबसेहैं।सरायगढ़केमुरली,नारायणपुर,पिपराखुर्दआदिगांवोंमेंविस्थापितोंकापुनर्वासहै।मरौनाप्रखंडकेजोबहामेंकटावपीडि़तगांवमेंहीऊंचेस्थानोंपरशरणलिएहुएहै।मानाटोलाकेलोगभीगांवकेअगल-बगलशरणलिएहुएहैं।सिकरहट्टामझारीलोबांधकेकिनारेसिसौनीकेसमीपसिसौनीछीटकेलोग2017सेबसेहुएहैं।कुछलोगोंनेजमीनखरीदभीलीहैतोकुछजैसे-तैसेघरबनाकररहरहेहैं।