विकास के नाम यहां छले जाते हैं ग्रामीण
सिद्धार्थनगर:गांवोंकेसमुचितविकासकेलिएसरकारबेहदगंभीरहै।इसकेलिएभरपूरप्रयासभीकररही,परगांवकेरहनुमाविकासकेनामपरग्रामीणोंसेसिर्फछलकररहेहैं।इसीकारण2200कीआबादीवालाखेसरहाविकासखंडकाग्रामपंचायतमसैचाविकाससेवंचितहै।सरकारीयोजनातोदूरग्रामीणोंकोशौचालय,सड़क,नाली,पेयजलजैसीमूलभूतसुविधाएंतकमय्यसरनहींहैं।
गांवमें14इंडियामार्कहैंडपंपलगेहैंजिनमेंअधिकांशबंदहैं,जोचालूहैंवहदूषितपानीदेरहेहैं।इसीतरहस्वच्छभारतमिशनकेतहतगांवमेंमात्र55शौचालयोंकानिर्माणहुआहै,जिससेअधिकतरलोगखुलेमेंशौचकेलिएजातेहैं।रहमतुल्लाहनेकहाकिशौचालयकेलिएकाफीप्रयासकियागया,लेकिननहींमिला।अब्दुलहईनेकहाकिदक्षिणडीहपरशौचालय,आवास,नालीनहींदियागया,जिससेबरसातकेसमयमेंघरकेबगलमेंजलजमावहोजाताहै।शफीकुनिश्शा,अब्दुलकादिर,रामकेशचौधरी,इब्राहिम,मुस्तकीम,अलीअहमद,रामकिशुन,सियाराम,अवधविहारी,परशुराम,जीतरामआदिनेकहाकिसरकारगांवकेविकासकेलिएपानीकीतरहपैसाबहारहीहै।परंतुवहपैसाकहाखर्चहोरहाहीनहींचलता।
कहतेहैंग्रामीण-
आवासअबतकनहींमिला।झोपड़ीमेंरहनेकोमजबूरहूं।बारिशहोनेपरपूरीरातजागकरसमयव्यतीतकरनापड़ताहै।
पेंशन,शौचालय,आवासआदिआजतकनहींमिला।केवलआश्वासनहीमिलतारहा।आयकाभीकोईसाधननहींहै।गरीबोंकोसरकारदेरही,मैंक्यासमझूं।
नालीनिर्माणनहोनेसेघरकेसामनेहीदूषितपानीजमारहताहै।आवासकेलिएकहनेकेबादभीआजतकनहींमिला।घरतकजानेकेलिएरास्ताभीनहींहै।
पन्नीतानकरकिसीतरहगुजरबसरकररहाहूं।आसपासकेगांवमेंआवास,नाली,शौचालयआदिसुविधाएंलोगोंकोमिलीं,लेकिनहमलोगवंचितहैं।
गांवमेंसमस्याओंकामकड़जालहै।आवास,नाली,शौचालय,पेयजलसेअभीभीलोगवंचितहै।समयलगेगा।लेकिनधीरे-धीरेकरकेयोजनाकालाभसबतकपहुंचानेकाप्रयासकरूंगा।
ग्रामप्रधान,मसैचा